Saturday 13 April 2013

खुसदीप भाई, आप सफेद झूठ बोल रहे हो।

खुसदीप भाई, अब झूठ भी बोलने लगे हैं। कैसे। ये देखिए। कल मैंने उनके ब्‍लॉग पर दो बार उनके द्वारा नारी ब्‍लाग को किये जा रहे अंध समर्थन के सम्‍बंध में कमेंट किए, और उन्‍होंने कुछ ही देर बाद मेरी दोनों टिप्‍पणिया डिलीट कर दी। पहली टिप्‍पणी डिलीट होने के बाद मुझे समझ आ गया था कि दूसरी टिप्‍पणी भी डिलीट हो जाएगी, इसलिए उसके प्रकाशित होते ही मैंने उसका स्‍क्रीन शाट ले लिया, जिसे मैंने कल अपनी फेसबुक वॉल पर भी लगाया। वह स्‍क्रीन शाट आप सबकी सेवा में प्रस्‍तुत है। 


तो मित्रो, ये है खुसदीप भाई का झूठ। मेरा कमेंट उनके ब्‍लाग पर प्रकाशित हुआ और उसके दस मिनट बाद वह हटा दिया गया, जबकि वो कह रहे है कि कमेंट स्‍पैम में चले गये थे। उनका ये झूठ खूद उनके ब्‍लॉग पर प्रकट हो रहा है, जिसका स्‍क्रीन शाट आप सबकी सेवा में प्रस्‍तुत कर रहा हूं:


खुसदीप भाई ने मेरी भाषा को लेकर मजाक बनाया है अपनी पोस्‍ट में। अरे भई, मैं तो ठहरा डॉक्‍टर कम वकील, मुझे भाषा की समझ कहां से होगी। मुझे मरीज ठीक करना आता है और मुकदकों को हैंडिल करना, आशा है मेरी प्रोफाइल में परिचय तो पढ ही लिया होगा। लेकिन आपको तो भाषा की समझ है न। इत्‍ते बडे पत्रकार जो ठहरे। तो तनी अपने उस ब्‍लॉग को ध्‍यान से देख लीजिए कि वहां पर भाषा की कित्‍ती शुद्ध हैं। 

 ध्‍यान से देखिए खुसदीप भाई, कित्‍ती गलतिया है। ब्‍लाग के हेडर में ही कामा, इनवरटेड कामा और फुलस्‍टाप की इत्‍ती गलतिया। जब हेडर या मुखडे का ही ये हाल होगा, तो अंदर क्‍या दशा होगी, यह आसानी से समझा जा सकता है। क्‍या अपने इस ब्‍लॉग को इक बार भी ठीक से देखा था? धन्‍य है आपकी दृष्टि, और आप ऐसे ब्‍लाग को सर्वश्रेष्‍ठ ब्‍लॉग के लिए जिताने पर पिले हुए हो। ऐसे में क्‍या कहा जाए आपके बारे मे। 

और अंत में आते हैं आपके नाम के बारे में। मुझे पता है कि आपका नाम आपके आदरणीय माता-पिता ने बडे प्‍यार से 'खुशदीप सहगल' रखा है। लेकिन क्‍या करे, जब आप सबसे घटिया ब्‍लाग को सबसे बढिया बताने का सफेद झूठ बोल रहे हो, जब आप कमेंट डिलीट करके उनको स्‍पैम में चले जाने का झूठ बोल रहे हो, तो इतना अधिकार तो आपके आलोचको को भी मिलना च‍ाहिए ना। अगर मैने आपका गलत नाम उच्‍चारित कर दिया, तो इतना उछलने की कौन सी बात है। 

मैं आपसे वादा करता हूं आप सही ब्‍लॉग का समर्थन करिए, सही चीजों को सामने रखिए, हम भी आपके पशंसक बन जाएंगे औरबडे आदर के साथ आपका नाम दोहराएंगे। तब तक के लिए जयश्री कृष्‍ण।

5 comments:

  1. आज की ब्लॉग बुलेटिन जलियाँवाला बाग़ की यादें - ब्लॉग जगत के विवाद - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. इन सब चीजों से बाहर निकलिए डाक्टर साहब. कोई कमेन्ट डिलीट करे भी तो उसका अपना स्पेस है उसकी मरजी. और जैसा आप यहाँ देख ही रहे की आपने जल्दबाजी कर दी पोस्ट लिखने मे.

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  3. यादव जी। मैंने आपको भी कभी नही पढ़ा न ही खुशदीप जी को। अभी मिश्र जी क्व ब्लॉग पर आपकी टिप से यहाँ आई क्योंकि टाइटल ऐसा था।

    पोस्ट पढ़ कर लगा कुछ ग़लतफ़हमी है। इसलिए यह टिप लिख रही हूँ। आप चाहें तो पढ़ कर डिलीट कर दीजिएगा।

    कई बार यह होता है की जब हम कहीं टिप लिख कर पोस्ट करते हैं तो वः तुरंत तो हमे दिखती है लेकिन वः स्पैम मेंगयी होती है। तुरंत दीखते ही पेज रिफ्रेश करने से नही दिखती। यह सभी के साथ अक्सर होता है। शायद इस टिप के साथ यही हो क्योंकि यह भी एक लम्बी टिप है। मैं इसे पब्लिश कर रिफ्रेश करती हूँ फिर नही दिखी तो एक और टिप करूंगी आपको इसकी प्रजेंस बताने के लिए।

    यह इसलिए कहा कि ऐसी गलतफहमियां बहुत हो रही हैं सैम के चलते।

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    1. Shilpa Ji, Maine Kai expert se conferm kiya hai, sabhi ka kahna hai ki publish hone ke baad comment spam men nahi jaata. Jo comment spam hota hai wo seedhe spam men jata hai, bina publish huye.

      Isme koi if but hai hi nahi.

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  4. ok. since you have moderation enabled there won't be any accidental spam problem. please do not publish both these comments. it was just an information.

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